सक्षमता परीक्षा का फॉर्म भरने के बाद शिक्षा विभाग को पता चला कि राज्य में 860 नियोजित शिक्षक ऐसे हैं जिनके प्रमाण पत्र नंबर पर कोई दूसरा व्यक्ति भी नौकरी कर रहा है। निश्चित रूप से इसमें एक नकली होगा। इसमें समस्तीपुर जिले के 29 शिक्षकों का नाम सामने आया। इन शिक्षकों के सर्टिफिकेट की अब पटना में जांच होगी।
जागरण संवाददाता, समस्तीपुर। सक्षमता परीक्षा देकर राज्यकर्मी बनने का दांव फर्जी नियोजित शिक्षकों के लिए उल्टा पड़ गया है। परीक्षा देने से जिले के 29 नियोजित शिक्षक विभाग के रडार पर आ गए हैं। इन शिक्षकों के एसटीईटी, बीटीईटी और सीटीईटी सर्टिफिकेट पर ही दूसरे लोग राज्य के दूसरे जिले में नौकरी कर रहे है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा इसको लेकर जांच शुरू कर दी गई है।
सक्षमता परीक्षा का फॉर्म भरने में शिक्षकों ने अपने टीईटी और एसटीईटी प्रमाण पत्र का नंबर दर्ज किया था। फॉर्म भरने के बाद शिक्षा विभाग को पता चला कि राज्य में 860 नियोजित शिक्षक ऐसे हैं जिनके प्रमाण पत्र नंबर पर कोई दूसरा व्यक्ति भी नौकरी कर रहा है। निश्चित रूप से इसमें एक नकली होगा। इसमें समस्तीपुर जिले के 29 शिक्षकों का नाम सामने आया।
21 मार्च तक पटना में सर्टिफिकेट जांच कराने का निर्देश
जिले के उजियारपुर प्रखंड में 7, रोसड़ा में 3, दलसिंहसराय, हसनपुर, पटोरी, खानपुर, सरायरंजन, मोरवा व कल्याणपुर में 2-2, समस्तीपुर, विभूतिपुर, मोहिउद्दीनगर, मोहनपुर व वारिसनगर में 1-1 शिक्षकों का नाम सामने आया है। शिक्षा विभाग ने सभी को 21 मार्च तक पटना बोर्ड कार्यालय में उपस्थित होकर शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र का जांच कराने का निर्देश दिया है।
साथ ही यह भी कहा गया है कि सूची के अनुसार जिस दिन जिन शिक्षकों की जांच निर्धारित है, उसी दिन वे अनिवार्य रूप से उपस्थित होंगे। जांच में उपस्थित नहीं होने वाले शिक्षकों को संदिग्ध मानते हुए उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
9409 शिक्षकों ने भरा था फॉर्म
सक्षमता परीक्षा का आयोजन 26 फरवरी से 6 मार्च तक किया गया। जिले में 9 हजार 409 नियोजित शिक्षकों ने सक्षमता परीक्षा का फॉर्म भरा था।